Wednesday, August 31, 2016

श्री सतगुरु ब्रह्म सागर जी महाराज भुरीवाले


गत शताब्दी में पंजाब शेत्र के जनमानस को जाग्रत करने के लिए और सतगुरु गरीबदास जी का संदेश जन-जन तक पहुँचने के लिए गरीबदास जी का तदरूप फिर से अवतरित हुआ | इस रूप को “श्री ब्रह्मसागर जी भूरीवाले ” के नाम से गरीबदासीय सम्प्रदाय में सभी प्रेमी जानते है और बहुत से सज्जन अभी मोजूद है जिन्होंने इस पावन रूप के दर्शन व संगत की है|

Tuesday, August 30, 2016

बन्दीछोड़ गरीब दास साहिब जी


                     भारत की पावन वसुंधरा पर समय-समय पर कारक महापुरषो का अवतार हुआ | जिनमे से एक अलौकिक महापुरुष श्री सतगुरु कबीर साहिब जी हुये | सतगुरु कबीर साहिब जी महाराज अपने निज लोक से अपने हंसो के उद्धार के लिए हर युग में यंहा अवतार लेते हैं | सन १७१७ में आचार्य गरीब दास जी महाराज का प्राकटय भी अद्वितीय है | जो हम सब जीवो के उदहार के

सतपुरुष कबीर साहिब जी महाराज


                                                             सन्मार्ग से विचलित और वास्तविक लक्ष्य से भटके हुए मानव को यथार्थ दिशा निर्देश के लिए सत्यपुरुष परमात्मा की दिव्य विभूति को धराधाम पर आना पड़ता है | १५वीं शताब्दी में, ऐसी ही दिग्भ्रमित मानवता व्याकुल हो रही थी | तत्कालीन दो मुख्य धर्मो में परस्पर असहमति व्याप्त थी | हिन्दू-मुश्लिम, पंडित-मोल्ला के वैमनस्य की आंधी फैल रही थी | आध्यात्मिक- नैतिक मूल्यों में गिरावट आ रही थी | लोग रुढियों और अन्धविश्वासो में लिप्त थे| निरकुंश सासक निरीह प्रजा