Friday, November 2, 2018
Wednesday, August 1, 2018
पूज्य स्वामी जगदीश्वरानंद जी
हमारी गरीबदासीय संप्रदाय में अनेकों ही संत-महापुरुष हुए है। जिन्होंने समय समय पर अवतार लिया और सतगुरु बंदीछोड़ गरीबदास साहिब जी की वाणी का बड़े ही जोर-सोर से प्रचार किया । उन्ही संत महापुरुषों में से एक हुए स्वामी जगदीश्वरानंद जी । पूज्य स्वामी जगदीश्वरानंद जी का जन्म पंजाब प्रांत के जिला लुधियाना में गांव रकबा में हुआ ।
Tuesday, July 31, 2018
Saturday, March 17, 2018
ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मानंद जी
आज धन-धन स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज का 106 अवतार दिवस मनाया जा रहा है इसी संदर्भ में यह ब्लॉग:-
एक लंबी साधना के पश्चात संत का दर्जा उन महापुरुषों को मिलता है, जो समाज के लिए कुछ करके दिखाते हैं। समाज के हित में अध्यात्मिक अगुवाई के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में जो महाराज भूरीवाले संप्रदाय गुरु गद्दी के तीसरे रूप में ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मानंद भूरीवालों ने किया ऐसा उदाहरण कम ही मिलता है।
एक लंबी साधना के पश्चात संत का दर्जा उन महापुरुषों को मिलता है, जो समाज के लिए कुछ करके दिखाते हैं। समाज के हित में अध्यात्मिक अगुवाई के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में जो महाराज भूरीवाले संप्रदाय गुरु गद्दी के तीसरे रूप में ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मानंद भूरीवालों ने किया ऐसा उदाहरण कम ही मिलता है।
Thursday, March 15, 2018
महिमा सतगुरु भूरीवालों की
एक बार रामगोपाल नाम का एक व्यक्ति था । जिसके लडके का नाम सोमनाथ था । एक दिन वह बच्चा अपनी हमउम्र के बच्चों के साथ खेल रहा था । तभी किसी बच्चे ने उसके पीछे से धक्का दे दिया और वह मुंह के बल गिर गया । गिरने से उसकी जीभ में दांत गढ़ गए, उसकी जीभ का एक तरफ का साथ रहा बाकी सारा कट गया । जीभ लटकने लग गई, खून से उसके कपड़े भीग गए । ऐसी हालत हो गई कि वह कुछ खा भी नहीं सकता था और ना ही कुछ बोल सकता था।
Thursday, January 11, 2018
अन्नदेव की छोटी आरती
बन्दीछोड़ गरीबदास जी ने अपनी अमृतमयी वाणी में समाज के प्रत्येक दृश्टिकोण को लेकर अपनी रचनाओं को सदुपदेश के रूप में प्रस्तुत किया है। हम हिन्दुस्तान के निवासी हैं। हमारी प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति में हमारे भोजन व खाद्य पदार्थोे में अनाज का स्थान सबसे ऊपर है। वैसे प्राचीन काल में मनुश्य (आदि मानव) ज्यादातर कच्चा-पक्का मांस व पेड़ों की छाल व पत्ते आदि खाकर अपनी उदरपूर्ति करता था।
सर्व लक्षणा ग्रन्थ
बन्दीछोड़ गरीबदास साहिब ने अपने वाणी ग्रन्थ में सर्व लक्षणा ग्रन्थ नामक शीर्षक से विशेष उपदेश की रचना की है। इसमें बन्दीछोड़ गरीबदास साहिब ने मनुश्य के उत्तम लक्षणों का विवरण देते हुए कुछ शिक्षाप्रद साखियां में कही हैं, जो कि ज्ञान, वैराग से भरपूर हैं। जिस जीव पर ईष्वर दया करे, उसे उत्तम लक्षण प्राप्त होते हैं। गरीबदास साहिब ने अपने अमूल्य वचन इस ग्रन्थ में कहे हैं.
उत्तम कुल कर्तार दे, द्वादस भूषण संग। रूप द्रव्य दे दया कर, ज्ञान भजन सत्संग।।
उत्तम कुल कर्तार दे, द्वादस भूषण संग। रूप द्रव्य दे दया कर, ज्ञान भजन सत्संग।।
गरीबदास साहिब कहते हैं कि जिस जीव पर ईष्वर कृपा करे, उसका, उत्तम कुल अर्थात सत्संगी परिवार में जन्म होता है, धन पदार्थ की भी कमी नहीं होती। धर्म से सम्बन्ध
Monday, January 8, 2018
Sunday, January 7, 2018
संत समागम बहादुरगढ़ @ 7 जनवरी
हरि की धरा हरियाणा प्रान्त के बहादुरगढ़ शहर में गरीबदासीय 300 साला अवतार महोत्सव के उपलक्ष्य में एकदिवसीय संत समागम का आयोजन आज 7 जनवरी को संत गरीब दास फाउंडेशन की ओर से किया गया।
इस सन्त समागम का आयोजन ब्रह्मलीन श्रीमहंत गंगासागर जी के 85वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में किया गया।
Saturday, January 6, 2018
About us
आप में से कई सतगुरु जी के प्रेमी भक्तजन कई बार पूछते थे कि आप कौन है कहाँ से है कौन इस website को operate कर रहे तो आज का यह ब्लॉग उसी सन्दर्भ में :-
मैं सुनील कौशिक, मेरे पिताजी पाठी पंडित प्रेम सिंह जी हमारी गरीबदासीय सम्प्रदाय के अनेको संत महात्माओ के प्रिय पाठी के रूप मे जाने जाते थे क्योंकि सतगुरु जी ने उनपर ऐसी मैहर बख्शी थी कि एक बार उनके मुख से कोई सतगुरु जी की वाणी का पाठ सुन लेता तो वह मंत्र मुग्ध हो जाता था। उन्होंने सतगुरु जी की वाणी का का खूब प्रचार किया, लोगो को वाणी से जोड़ा। छुड़ानी धाम में सन 1966 में जब सतगुरु जी की वाणी के पाठ के लिए बहुत कम पाठी थे ना के बराबर उस समय उन्होंने अपने हमउम्र के पढ़े लिखे नोजवानो साथियों की एक मंडली बनाई और उनको पाठ करना सिखाया। अब पूज्नीय पिता जी पाठी पंडित प्रेम सिंह जी सतगुरु जी के परम धाम को जा चुके है। उन्ही के दिखाए गए इस मार्ग पर उन्ही की दी हुई सीख पर आगे बढ़ने का प्रयत्न कर रहा हूँ। उनके वाणी प्रचार के उसी उदेश्य को आगे बढ़ाने के लिए यह पाठी पंडित प्रेम सिंह जी गरीबदासीय ई-ग्रंथालय बनाया गया है|
मैं सुनील कौशिक, मेरे पिताजी पाठी पंडित प्रेम सिंह जी हमारी गरीबदासीय सम्प्रदाय के अनेको संत महात्माओ के प्रिय पाठी के रूप मे जाने जाते थे क्योंकि सतगुरु जी ने उनपर ऐसी मैहर बख्शी थी कि एक बार उनके मुख से कोई सतगुरु जी की वाणी का पाठ सुन लेता तो वह मंत्र मुग्ध हो जाता था। उन्होंने सतगुरु जी की वाणी का का खूब प्रचार किया, लोगो को वाणी से जोड़ा। छुड़ानी धाम में सन 1966 में जब सतगुरु जी की वाणी के पाठ के लिए बहुत कम पाठी थे ना के बराबर उस समय उन्होंने अपने हमउम्र के पढ़े लिखे नोजवानो साथियों की एक मंडली बनाई और उनको पाठ करना सिखाया। अब पूज्नीय पिता जी पाठी पंडित प्रेम सिंह जी सतगुरु जी के परम धाम को जा चुके है। उन्ही के दिखाए गए इस मार्ग पर उन्ही की दी हुई सीख पर आगे बढ़ने का प्रयत्न कर रहा हूँ। उनके वाणी प्रचार के उसी उदेश्य को आगे बढ़ाने के लिए यह पाठी पंडित प्रेम सिंह जी गरीबदासीय ई-ग्रंथालय बनाया गया है|
Wednesday, January 3, 2018
श्री छतरी साहिब के दिसम्बर माह के समागम
बन्दी छोड़ गरीब दास साहिब जी के अवतार स्थान परम धाम श्री धाम को हम बारम्बार प्रणाम करते है. सर्वोच्य गरीबदासीय पीठ श्री छतरी साहिब मंदिर छुडानी धाम से आचार्य आदि गद्दीनसीन मेहरबान साहिब श्रीमहन्त दयासागर जी महाराज जोरों सोरों से सतगुरु जी की वाणी का प्रचार कर रहे है. दिसम्बर माह में श्री छतरी साहिब मंदिर छुडानी धाम की ओर से विभिन्न स्थानों पर प्रचार किया गया जो इस प्रकार है :-
2 दिसम्बर को श्री छुड़ानी धाम
में चौ० रघबीर सिंह जी के घर श्री अखण्ड पाठ की पूर्णाहुति
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