Saturday, March 17, 2018

ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मानंद जी

आज धन-धन स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज का 106 अवतार दिवस मनाया जा रहा है इसी संदर्भ में यह ब्लॉग:-
एक लंबी साधना के पश्चात संत का दर्जा उन महापुरुषों को मिलता है, जो समाज के लिए कुछ करके दिखाते हैं। समाज के हित में अध्यात्मिक अगुवाई के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में जो महाराज भूरीवाले संप्रदाय गुरु गद्दी के तीसरे रूप में ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मानंद भूरीवालों ने किया ऐसा उदाहरण कम ही मिलता है।


महाराज ने उन पिछड़े क्षेत्रों में स्कूल और कॉलेज खोलें जहां पीने का पानी तक नहीं मिलता था। धन-धन स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज का जन्म पंजाब प्रांत के बलाचौर के गांव चुहडपुर (ब्रहमपुरी) मैं माता रामदेव व पिता धनीराम के घर सन 1912 में हुआ। महाराज भूरी बालों के दूसरे गद्दीनशीन महाराज लालदास जी अक्सर नैनीताल स्थित खेती फार्म पर जाया करते थे। महापुरुषों की संगत के प्रभाव से महाराज ब्रह्मानंद गृहस्ती जीवन का त्याग करके सेवा के क्षेत्र में आ गए। महाराज लाल दास भूरीवालों ने महाराज को भूरीवालों की तीसरे गद्दीनशीन की जिम्मेदारी सौंपी । स्वामी जी गौ आंदोलन के दौरान तिहाड़ जेल में रहे तथा अनेको गौशालाओं का निर्माण किया । पंजाब का कंडी क्षेत्र जो बहुत पिछड़ा हुआ है, उसके जिले होशियारपुर, रोपड़ तथा शहीद भगत सिंह नगर के गांवों में स्कूल डिग्री कॉलेज तथा B.Ed कॉलेजों की स्थापना की। यह शिक्षा संस्थान पिछड़े क्षेत्र के लिए वरदान साबित हुए। यह स्थान भूरीवाले गरीबदास जी एजुकेशन ट्रस्ट के अधीन चल रहे हैं। सन 1982 में शहीद भगत सिंह नगर के गांव मुत्तों में 100 एकड़ जमीन में गौशाला का निर्माण करवाया। आप 1 मई 2002 में पांच भौतिक शरीर का त्याग करके लाल पुरी धाम भवानीपुर बीत में परमात्मा की ज्योत में विलीन हो गए।

No comments:

Post a Comment