Friday, September 30, 2016

बीते दिनों हमारी गरीबदासीय सम्प्रदाय के प्रमुख कार्यक्रमों की एक झलक



भादों मेला – छुडानी धाम

1-2-3 सितम्बर को सर्वोच्य गरीबदासीय पीठ छतरी साहिब मंदिर छुडानी धाम में भादों मेला सम्पन्न हुआ । सर्व प्रथम श्रीमहंत दयासागर जी  ने 1 सितम्बर को अपने नित्य नियम के बाद बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी के सामने नतमस्तक होकर भादों मेले के सकुशल आयोजित होने के लिये बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी से अरदास की ।
इसके पश्चात पंथमाताश्री ओमवती जी से आशीर्वाद लिया और प्रातः 10 बजे बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी की वाणी का अखंड पाठ प्रकाश किया । इस मोके पर हजारो भक्तों को सत्संग की ज्ञान गंगा में डुबकी लगवाई । छुडानी धाम में पहले दिन हजारों भक्तों ने धाम में पहुंचकर छतरी साहब मंदिर में मत्था टेका । इस मोके पर महंत दयासागर जी ने मेले में आए भक्तों को प्रवचन देते हुए कहा  कि “गुरु ही अज्ञान को दूर कर सकता है। हमारे शरीर के अंदर ही परमात्मा का वास है, लेकिन अज्ञान रुपी सर्प ने हमारी अच्छाइयों व हमारे गुणों को डस लिया है । इसलिये हमने मनुष्य शरीर प्राप्त करके भी असली उदेश्य प्राप्त नही किया है।जिस प्रकार नेवला एक जड़ी को सूंघकर सर्प को डंक मारता है, उसी प्रकार हम भी परमात्मा के प्रति सच्ची श्रद्धा करके ही अपने अज्ञान से छुटकारा पा सकते है । इस प्रकार छुडानी धाम का भादों मेला शुरू हुआ। इसके पश्चात श्रीमहंत जी ने मेले में आये हुए भक्तों के लिए फ्री मेडिकल कैंप का भी श्रीगणेश किया । भादों मेला बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। शाम ७ बजे संध्या आरती हुई और अनेकों ही संत महापुरुषों ने अपने अमृतमई वचनों की वर्षा की । 

                                              दुसरे दिन २ सितम्बर को प्रात: ८ बजे मध्य प्रदेश के भक्त मुकेश पटेल जी ने सतगुरु जी के आगे दण्डोत प्रणाम किया व श्रीमहंत जी से आशीर्वाद लेकर गरीबदासीय पीठ छतरी साहिब में परम्परा के अनुसार 125 फुट ऊँचा निशान साहिब पर झंडा चढाया ।
 निशान साहिब पर झंडा चढाते 
                                                    इसके बाद प्रात; १० बजे  बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी वाणी के अखंड पाठ में मध्य का भोग लगा । दुसरे दिन भी देशभर से आए हजारों भक्तों ने बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी के यहाँ मत्त्था टेक कर मन्नते मांगी। शाम को ४ बजे श्रीमहंत जी की अध्यक्षता में श्री छतरी साहिब मंदिर से लेकर बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी के अवतार महल तक शोभा यात्रा निकली गई । सैकड़ो लोगो ने बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी के अवतार महल में मत्त्था टेका । इसके बाद शाम को ७ बजे  दुसरे दिन संध्या आरती हुई। संध्या आरती के उपरांत श्रीमहंत जी ने श्रद्धालुओ को प्रवचन देते हुए कहा कि “संसार मिथ्या है। जो हम देख्रते है वह सब झूठा है।एक दिन सभी भोतिक वस्तुओ का विनाश होना है । बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी ने अपनी वाणी में फरमाया है कि मनुष्य खाक का पुतला है जो एक दिन राख में मिल जाना है। मनुष्य शरीर संभंगुर है । इसलिय मनुष्य को अपने लक्ष्य को नही भूलना चहिये”। संध्या आरती के दोरान स्वामी अमृतानंद जी, दिवानानन्द जी, दर्शनानन्द जी, व अन्य संतो ने भी प्रवचन सुनाए । छतरी साहिब मंदिर के अलावा पुरी गरीबदासीय सम्प्रदाय में सभी ने अपने अपने स्तर पर बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी का निर्वाण दिवस मनाया गया ।

तीसरे दिन प्रात: ११ बजे  श्रीमहंत जी ने बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी की वाणी के अखंड पाठ की पूर्णाहुति की । इसके “भोग का शब्द” श्री झलूर धाम से आये स्वामी विधानंद जी महाराज के शिष्य स्वामी अमृतानंद जी ने गाया । 
स्वामी अमृतानंद जी भोग का शब्द गाते
इसके पश्चात धन-धन स्वामी ब्रह्मसागर जी महाराज भुरीवालों की गुरु-गद्दी पर विराजमान वेदान्ताचार्य स्वामी चेतनानन्द जी महाराज ने आई हुई संगत पर अपने अमृतमई वचनों की वर्षा की  और सत्यपुरुष की सत्यभक्ति करने के लिए भक्तों को प्रेरित किया ।
वेदान्ताचार्य स्वामी चेतनानन्द जी महाराज
 इसके पश्चात श्रीमहंत जी ने आखिर में  सर्व संगत को सम्बोधित किया और सर्व संगत को आशीर्वाद दिया और प्रवचन करते हुए कहा कि “हमारे  शरीर के अंदर ५ ज्ञानेंद्रियाँ  है। इनसे हमे संसार का ज्ञान होता है । नेत्र, कान, रसना, नाक, और चमडी ये सभी इन्द्रियां माया के मसाले से बनी है । माया ही मनुष्य को भ्रमित कर रही है। यही मनुष्य के दुखों का कारण है । जो व्यक्ति परमात्मा से सम्बंध बना लेता है वह सभी सभी बन्धनों से मुक्त हो जाता है । वह हर समय मस्त रहता है । 

इसके बाद श्रीमहंत जी ने ऐतिहासिक महोत्सव “गरीबदासीय त्रिशती महोत्सव” की अधिकारिक घोषणा की जो की  5 मई 2017 से 4 मई 2018 तक 365 दिवस तक मनाया जायेगा । अंत में स्वामी गुरदयाल दास शास्त्री जी ने संगत को सम्बोधित किया ।
स्वामी गुरदयाल दास शास्त्री जी
मेले के आखिरी दिन लाखों हजारों की संख्या में छतरी साहिब में मत्था टेका और मन्नते मांगी । इस मोके पर भक्तो के लिए लड्डू, जलेबी, खीर, मालपुवे के भण्डारे का आयोजन हुआ । छुडानी धाम में अवतार महल मंदिर, अखंड वाणी मंदिर, संत मंदिर कोठी स्वामी दयालुदास, कबीर दर्शन स्थल, कबीर दीक्षा स्थल में भी बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी निर्वाण दिवस मनाया गया और वाणी पाठ हुआ ।

स्वामी ब्रह्मसागर जी महाराज भुरीवालों का अवतार दिवस

धन-धनस्वामी ब्रह्मसागर जी महाराज भुरीवालों का अवतार दिवस 24 अगस्त को श्री रामपुर धाम, पंजाब में सतगुरु जी की दया से सम्पन्न हुआ | श्री रामपुर धाम में यह शुभ कार्य स्वामी दर्शनदास जी की अध्यक्षता में पूरा हुआ | महाराज ब्रह्मसागर जी भूरीवालो का जन्म विक्रमी संमत १९१९ को भादों की कृष्ण पक्ष की अष्टमी वाले दिन पिता श्री बीरुरम के घर माता श्रीमती भोली देवी की सुभागी कोख से हुआ | 
                   
श्रीमहंत जी रामपुर धाम में भोग लगाते साथ में स्वामी दर्शन दास जी 

इस पावन पर्व पर सर्वोच्य गरीबदासीय पीठ छतरी साहिब मंदिर छुडानी धाम के पीठाधीश्वर मेहरबान साहिब श्रीमहंत दयासागर जी पहुंचे और बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी की वाणी के अखंड पाठ का भोग लगाया | इस मोके पर हजारों श्रधालुओं ने महाराज ब्रह्मसागर जी भूरीवालो के अवतार स्थान पर पहुंचकर अपनी हाजरी भरी | श्री रामपुर धाम के अलावा सम्पूर्ण गरीबदासीय सम्प्रदाय में सभी ने अपने अपने स्तर पर स्वामी ब्रह्मसागर जी महाराज भुरीवालों का अवतार दिवस मनाया गया ।


3 झंडिया धाम में स्वामी चेतनानन्द जी महाराज का जन्म दिवस

सितम्बर माह में एक बड़ा समागम पंजाब प्रान्त के झंडिया धाम में भी हुआ । जहाँ धन-धन स्वामी ब्रह्मसागर जी महाराज भुरीवालों की गुरु-गद्दी पर विराजमान वेदान्ताचार्य स्वामी चेतनानन्द जी महाराज के जन्म दिवस के उपलक्ष्य पर संत समागम हुआ । यह संत समागम १७-१८-१९ सितम्बर  को स्वामी चेतनानन्द जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ ।
                     

 १७ सितम्बर को प्रातः 10 बजे बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी की वाणी का अखंड पाठ प्रकाश हुआ और १९ सितम्बर को  अखण्ड पाठ की पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न हुआ जिसमे हजारो की संख्या में लोगों ने इस संत समागम का लाभ उठाया । झंडिया धाम धाम में इस मोके पर वेदान्ताचार्य स्वामी चेतनानन्द जी महाराज की अध्यक्षता में संगत के लिए फ्री मेडिकल कैंप, रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया ।


4 स्वामी जैतराम जी महाराज की छतरी में वार्षिक महोत्सव

ज्योतिपुंज बन्दीछोड़ गरीब दास साहिब जी के प्रांगण को श्री जैतराम रूपी स्फुलिंग ने संवत् १८०४ में आलोकित किया था | आपने इस माया जगत में अपने अनुज श्री तुरतीराम जी के साथ युगल रूप में पहले प्रवेश किया था | 
स्वामी जैतराम जी की छतरी 
पूर्णसंत के रूप में बन्दीछोड़ गरीब दास साहिब जी की ख्याति ने जब करोंथा गाँव के गालियारों को भी अपने नाद से आप्लावित किया तो करोंथा गाँव वासी छुड़ानी धाम पहुंचे और सतगुरु गरीब दास जी से प्रार्थना की कि अब आप अपने पैतृक गाँव की संतप्त आत्माओ के उदहार के लिए करोंथा चले | बन्दीछोड़ गरीब दास जी ने उनके निवेदन को बड़ी आत्मीयता से सुना और कहा कि जैतराम जी को ले जाओ, यह मेरा ही रूप है | इसकी सेवा करना, यह आपको सद्मार्ग दिखलायेगा और आपको मुक्ति मार्ग को प्रशस्त करेगा| और इस तरह संत श्री जैतराम जी करोंथा आ गये |
                      
    श्रीमहंत जी करोंथा धाम में भोग लगाते हुए 

स्वामी जैतराम जी महाराज की याद में करोंथा धाम में छतरी बनी हुई है जहाँ समय-समय पर बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी की वाणी का अखंड पाठ होता है, इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुई गत २८-२९-३० सितम्बर को बन्दीछोड गरीब दास साहिब जी की वाणी का अखंड पाठ हुआ | जिसकी पूर्णाहुति श्रीमहंत दयासागर जी महाराज की अध्यक्षता में हुई | सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने दरबार साहिब में पहुंचकर अपनी हाजरी लगाई और शीश नवाया |        

सत साहिब
     जय बन्दीछोड़  

हमारा प्रयास रहेगा कि मासिक ब्लॉग के साथ हम गरीबदासीय सम्प्रदाय के संत-महापुरुषों के प्रवचन भी संगत के लिए उपलब्ध कराए । आज के ब्लॉग के साथ निम्न संत-महापुरुषों के प्रवचन :-

सर्वोच्य गरीबदासीय पीठ छतरी साहिब मंदिर छुडानी धाम के आचार्य गद्दीनशीन श्रीमहंत दयासागर जी महाराज के प्रवचन

धन-धन स्वामी ब्रह्मसागर जी महाराज भुरीवालों की गुरु-गद्दी पर विराजमान वेदान्ताचार्य स्वामी चेतनानन्द जी के प्रवचन

3 धन-धन स्वामी ब्रह्मसागर जी महाराज भुरीवालों के निर्वाण स्थान श्री झलूर धाम से स्वामी विधानंद जी महाराज के प्रवचन

4 धन-धन स्वामी ब्रह्मसागर जी महाराज भुरीवालों के अवतार स्थान श्री रामपुर धाम से स्वामी दर्शन दास जी महाराज के प्रवचन

5 ब्रह्मलीन स्वामी चेतनदास जी महाराज के शिष्य स्वामी गुरदयाल दास शास्त्री जी के प्रवचन


यह ब्लॉग पाठी पंडित प्रेम सिंह जी की याद में बनाया गया है, जिसका उदेश्य बन्दीछोड़ गरीब दास साहिब जी की वाणी का प्रचार करना है | भक्तों के लिए एक जगह ही ज्यादा से ज्यादा गरीबदासीय साहित्य उपलब्ध कराया जायेगा और सभी संत–माहात्मों के प्रवचन उपलब्ध कराये जायेंगे | यदि आप भी इस कार्य में सहयोग करना चहाते है तो हमसे सम्पर्क करे | यदि आपके पास हमारी गरीबदासीय सम्प्रदाय से सम्बंधित कोई ऑडियो, विडियो या पुस्तक है जो आप समझते है कि यह बाकि भक्तो के पास भी होनी चहिये, तो आप उसे हमे ई-मेल करे, जैसे भी होगा जितना भी हमारी टीम से होगा उसका प्रचार जरुर किया जायेगा |                   

सत साहिब
     जय बन्दीछोड़  

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