प्रति वर्ष की तरह स्वामी लालदास जी महाराज भूरीवालों की बरसी के अवसर पर 31 जुलाई से ब्रह्म निवास आश्रम, हरिद्वार में चल रहे विशाल संत समागम की पूर्णाहुति आज 2 अगस्त को बन्दीछोड़ गरीब दास साहिब जी की वाणी के अखण्ड पाठ की पूर्णाहुति के साथ हुई. यह महा आयोजन वेदान्ताचार्य स्वामी चेतनानन्द जी महाराज भुरीवालों की सरप्रस्ती में बड़ी ही धूम धाम से सम्पन्न हुआ . 3 दिनों तक स्वामी चेतनानन्द जी के साथ साथ अनेकों ही संत महापुरुषों ने आई हुई संगत पर अपने अमृत्मी प्रवचनों की वर्षा की.
आज हमारे रंग संत समागम है रे, आज हमारे रंग || टेक ||
कथा कीर्तन गावन ध्यावन, बौहत सुनें प्रसंग || १ ||
मन की कुटिलता छूटत नाहीं, यौह मन बसै भवंग || २ ||
दिल दरिया में भँवर परत हैं, उठैं अनंत तरंग || ३ ||
त्रिकुटी महल में जाय बसो रे, जहां बहै सहंसमुख गंग || ४ ||
कहा कहूँ कुछ कही न जाई, मूरति अचल बिहंग || ५ ||
अर्श पियाले सद मतवाले, काहे कूँ घोटो भंग || ६ ||
कहै दास गरीब मिटै सब झगरा, करो साध सतसंग || ७ ||
31 जुलाई संध्या आरती
01 अगस्त मध्य का भोग
01 अगस्त संध्या आरती
पूर्णाहुति
आज हमारे रंग संत समागम है रे, आज हमारे रंग || टेक ||
कथा कीर्तन गावन ध्यावन, बौहत सुनें प्रसंग || १ ||
मन की कुटिलता छूटत नाहीं, यौह मन बसै भवंग || २ ||
दिल दरिया में भँवर परत हैं, उठैं अनंत तरंग || ३ ||
त्रिकुटी महल में जाय बसो रे, जहां बहै सहंसमुख गंग || ४ ||
कहा कहूँ कुछ कही न जाई, मूरति अचल बिहंग || ५ ||
अर्श पियाले सद मतवाले, काहे कूँ घोटो भंग || ६ ||
कहै दास गरीब मिटै सब झगरा, करो साध सतसंग || ७ ||
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