श्री छुड़ानी धाम प्राचीन काल से ही बड़ा पवित्र स्थल रहा है। यहाँ सत्यपुरुष सद्गुरु कबीर साहिब जी ने बंदीछोड़ गरीब दास साहिब जी के रूप में जन कल्याण के लिए अवतार लिया। बंदीछोड़ गरीब दास साहिब जी ने जीवों के कल्याण के लिए पावन-पवित्र कल्याणकारी अमृतमई वाणी की। बंदीछोड़ गरीब दास साहिब जी ने ६१ वर्ष तक यहाँ रह कर जीवों का कल्याण किया और इसके बाद वि.सं.१८३५ भाद्रपद शुक्ल द्वितीय को आपने अपना तेजपुंज का शरीर त्याग कर यह लोक छोड़ कर अपने निज लोक सतलोक को वापिस चले गए |
गुरु ज्ञान अमान अडोल अबोल है,सतगुरु शब्द सेरी पिछानी।
दासगरीब कबीर सतगुरु मिले,आन अस्थान रोप्या छुड़ानी।।