सत साहिब जी, चलिये चलते है परम धाम श्री छुडानी धाम की यात्रा पर । तीर्थ स्थल, देव स्थल तो बहुत है परन्तु परम धाम दो ही है,
एक इस संसार के रचियता सत्यपुरुष कबीर साहिब जी का अवतार स्थान परम धाम श्री काशी
धाम दूसरा सत्यपुरुष कबीर साहिब जी के ही पूर्ण अवतार उन्ही की ज्योत बंदिछोड गरीब
दास साहिब जी का अवतार स्थान परम धाम श्री छुडानी धाम। समय–समय पर भारतवर्ष की
पवित्र भूमि पर अनेकों ही संत-महात्माओं ने अवतार लिया और लोगों को संसार में
फैलें अंध-विश्वास के प्रति जागरूक किया। पंजाब में गुरू नानक जी,
मारवाड में दादू जी, देश के अन्य
हिस्सों में सूरदास जी, मीराबाई जी, तुलसीदास जी, नामदेव जी, ज्ञानेष्वर जी, पलटू साहिब जी अनेक
महापुरूष अवतरित हुए।
Saturday, October 29, 2016
Wednesday, October 12, 2016
गरीबदासीय वाणी-नित्य नियम का महत्व
बंदीछोड़ गरीबदास साहिब जी के जीवन-इतिहास को यदि गौर से देखें तो पता चलता है कि यह नित्य नियम पाठ की
वाणी सतगुरु देव जी ने छोटी आयु में ही उच्चारण करके समस्त शिष्य संगत को उपदेश
किया था कि इस वाणी का पाठ प्रतिदिन सुबह-शाम नियमित करो। उस समय से ही समस्त शिष्य संगत सुबह-शांम यह पाठ प्रतिदिन करते आ रहें हैं। सतगुरु देव जी की जीवन
लीला से जुड़ी हुई एक कथा भी है कि एक बार दैवयोग से घोड़ों का व्यापार करने वाले
कुछ व्यापारी लोग श्री छुडानी धाम आए।
Thursday, October 6, 2016
परमहंस स्वामी रामदेवा नन्द जी महाराज
पूज्य स्वामी रामदेवा नन्द जी महाराज का जन्म् सन् 1875 में हरियाणा के भिवानी जिले के चरखी दादरी के पास ‘बड़ा पैंतावास’ गांव में एक सम्पन्न ब्राहमण परिवार में हुआ था। आप बाल्यकाल से ही भगवान की भक्ति में रूचि रखते थे।
आपने केवल बीस वर्श की आयु में घर त्याग दिया तथा सन्यास लेकर विरक्त महात्माओं के साथ विचरने लगे।
स्वामी दयालु दास जी महाराज
स्वामी दयालु दास जी का जन्म कपिपाल नामक ग्राम में हुआ था | कपिपाल ग्राम भारत वर्ष के पंजाब प्रान्त में है | स्वामी दयालु दास जी के माता-पिता बड़े साधू-सेवी थे | जिसके कारण स्वामी दयालु दास जी को बचपन से ही साधु-संतो की संगति प्राप्त हुई थी | बचपन से ही स्वामी दयालु दास जी परम-पिता परमात्मा के नाम के सिमरन में मग्न रहते थे | स्वामी दयालु दास जी जी की बचपन से ही परमात्मा में अपार श्रद्धा थी |
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