Sunday, December 14, 2025

अवधूत बाड़ा गरीबदासीय आश्रम, ऋषिकेश

  देवभूमि उत्तराखंड के पवित्र शहर ऋषिकेश में, पुण्यदायिनी माँ गंगा के निर्मल तट पर स्थित है अवधूत बाड़ा गरीबदासीय आश्रम, जो गरीबदासीय सम्प्रदाय की एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक धरोहर है। पुरानी शीशम झाड़ी, मुनि की रेती, ऋषिकेश में स्थित यह आश्रम, कई दशकों से सद्गुरु बंदीछोड़ गरीब दास साहिब जी की वाणी प्रचार प्रसार, आध्यात्मिक शांति और साधना का केंद्र रहा है।

Monday, July 28, 2025

अथ शब्द रमैणी

बंदीछोड़ गरीब दास साहिब जी की वाणी जीवों को आध्यात्मिक ज्ञान, नैतिक मूल्यों और सामाजिक सद्भाव का सन्देश देती हैं है। सद्गुरु जी की वाणी अज्ञान के अंधकार से निकालकर सत्य के प्रकाश की ओर ले जाती है, जिससे जीवों का वास्तविक कल्याण संभव होता है। सद्गुरु बंदीछोड़ गरीब दास साहिब जी ने अपनी वाणी में अनेकों छंद, रमैनी और राग फरमाए हैं। सद्गुरु बंदीछोड़ गरीब दास साहिब जी "अथ शब्द रमैणी" के अंतर्गत माया, सांसारिक बंधनों और अज्ञानता को त्यागकर आत्मज्ञान प्राप्त करने का मार्ग दिखाते हैं। सद्गुरु जी की यह वाणी आत्मा की मुक्ति और ब्रह्मज्ञान की ओर इशारा करती है।

Sunday, July 13, 2025

एक तत्व, नौ तत्व और चौबीस तत्व कौनसे हैं ?

       सत्यपुरुष सद्गुरु बंदीछोड़ गरीब दास साहेब जी की वाणी हमें जीवन के गहरे रहस्यों को समझने और आत्मज्ञान की ओर अग्रसर होने का मार्ग दिखाती है। सद्गुरु जी की वाणी की यह साखी आध्यात्मिक सत्य को उजागर करता है:

गरीब, एक तत के नौ बने, नौ तत के चौबीस।

         चौबीसो का एक है, सुमर शोध जगदीश।।

आइए, सद्गुरु जी की इस दिव्य वाणी में छिपे 'एक तत्व, नौ तत्व और चौबीस तत्व' के मर्म को विस्तार से समझते हैं।

Sunday, June 8, 2025

🌹 चरखा अजब रंगीला वो, फिरता गरन गरन गलतान 🌹

सत्यपुरुष सतगुरु बंदीछोड़ कबीर साहिब जी के पूर्ण अवतार, बंदीछोड़ गरीबदास साहिब जी की कल्याणकारी अमृतमयी वाणी की प्रत्येक साखी और प्रत्येक पद मनुष्यों को इस भवसागर रूपी संसार से पार उतारने के लिए है।

Friday, March 14, 2025

महिमा परम धाम (श्री छुड़ानी धाम) की

                                             श्री छुड़ानी धाम प्राचीन काल से ही बड़ा पवित्र स्थल रहा है। यहाँ सत्यपुरुष सद्गुरु कबीर साहिब जी ने बंदीछोड़ गरीब दास साहिब जी के रूप में जन कल्याण के लिए अवतार लिया। बंदीछोड़ गरीब दास साहिब जी ने जीवों के कल्याण के लिए पावन-पवित्र कल्याणकारी अमृतमई वाणी की। बंदीछोड़ गरीब दास साहिब जी ने ६१ वर्ष तक यहाँ रह कर जीवों का कल्याण किया और इसके बाद वि.सं.१८३५ भाद्रपद शुक्ल द्वितीय को आपने अपना तेजपुंज का शरीर त्याग कर यह लोक छोड़ कर अपने निज लोक सतलोक को वापिस चले गए |

गुरु ज्ञान अमान अडोल अबोल है,सतगुरु शब्द सेरी पिछानी।
दासगरीब कबीर सतगुरु मिले,आन अस्थान रोप्या छुड़ानी।।